जयपुर। राजस्थान के सबसे प्राचीन नगरों में शामिल और अपने गौरवशाली इतिहास के लिए मशहूर दक्षिण राजस्थान के उदयपुर संभाग में गुजरात की सीमाओं से सटे डूंगरपुर शहर ने पिछलें कुछ वर्षों में देश विदेश के मानचित्र पर नगर की स्वच्छता और सुंदरता के लिए जो स्थान बनाया है नि:सन्देह इसका श्रेय यहाँ के पूर्व सभापति के के गुप्ता को जाता है। गुप्ता को आधुनिक डूंगरपुर का निर्माता कहा जाना कोई अतिशयोक्ति नहीं होंगी जिसके कारण आज इस डूंगरपुर नगर की पहचान एक स्वच्छ और सुंदर हिल सिटी के रुप में ख्याति हासिल कर रही हैं।
राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र में जन्मे इस लाल ने अपने व्यवसाय के कारण डूंगरपुर आकर इसे अपना कर्म क्षेत्र बनाया और अपनी लगन, निष्ठा, प्रतिबद्धता और कर्मठता से न केवल नगर का नकक्षा ही बदल दिया वरन विकास कार्यों,नगर नियोजन एवं सौन्दर्यकरण के कई नए आयाम भी स्थापित कर दिए। इसकी बदौलत डूंगरपुर को राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार और सम्मानों से नवाज़ा गया। साथ ही डूंगरपुर की देश-दुनिया में एक नई पहचान भी बनी। देशी-विदेशी पर्यटक जोकि निकटवर्ती झीलों की नगरी उदयपुर का भ्रमण कर लौट जाते थे, वे भी अब इस सुंदर हिल सिटी का दीदार करने यहाँ का रुख करने लगें है।
महत्वाकांक्षी के के गुप्ता के इसकठोर परिश्रम और समर्पण की वजह से भारतीय जनता पार्टी की वसुन्धरा सरकार और कांग्रेस की अशोक गहलोत दोनों सरकारों ने उन्हें प्रदेश का स्वच्छता ब्रांड एम्बेसेडर बनाया और उनकी सफलता का रथ यहाँ तक ही नही रुका और उन्होंने अपनी सफलता के झण्डे देश विदेश में भी गाढ़े है। सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात ने भी स्वच्छता के डूंगरपुर के के गुप्ता मोडल को अपनाना शुरु कर दिया है। यह कोई छोटी बात नहीं है। गुप्ता ने अमित शाह की पुत्र वधु ऋशिता जय शाह के साथ मिल बक़ायदा रूपाला गाँव में स्वेच्छया का काम भी शुरु कर दिया है और गुजरात के अन्य इलाक़ों में भी इस मशाल को पहुँचा रहें है। उनके प्रयासों को मान्यता प्रदान करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर गांधी नगर में आयोजित हुए राज्य स्तरीय समारोह में प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया है।
के के गुप्ता ने डूंगरपुर नगर परिषद के सभापति रहते हुए स्वच्छता के साथ ही जल संचय और पर्यावरण संरक्षण आदि योजनाओं को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कचरा संग्रहण एवं निस्तारण और बायो गैस आदि सभी पहलुओं पर बारीकी से काम कर अपार लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने इन्फ्ऱास्ट्रक्चर विकास,आवास विकास,आधुनिक शोचालयों का निर्माण,मोक्ष धाम विकास,योगा, खेलकूद और बच्चों एवं युवा वर्ग के सर्वांगीण विकास, पर्यटन विकास और नगर परिषद के कर्मचारियों के कल्याण आदि को भी वरीयता देकर डूंगरपुर को एक आदर्श डेस्टिनेशन बना दिया।
के के गुप्ता को वर्तमान प्रदेश भाजपा नेतृत्व डॉ सतीश पूनियाँ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान का राजस्थान में पार्टी का संयोजक और भाजपा लघु उध्योग प्रकोष्ठ का सदस्य बनाया है। गुप्ता चेम्बर ओफ कॉमर्स और इंडस्ट्री तथा वैश्य समाज की गतिविधियों से भी सक्रिय रुप से जुड़े हुए है।
डूंगरपुर के पूर्व पार्षद फखरुद्दीन बोहरा ने के के गुप्ता को युवा हृदय सम्राट, हर दिल अजीज, उदार हृदय, प्रभावशाली, धैर्यवान, सहनशील, शुद्ध एवं पवित्र संयम ज्ञाता, क्षमाशील, विद्वान, बुद्धिमान, गुणवान, ऐश्वर्यवान, विचारवान, पराक्रमी तेजस्वी, ओजस्वी, मनस्वी धर्मवीर,कर्मवीर, सर्व ज्ञाता, सर्वगुण संपन्न, सर्वोत्तम, सर्वज्ञ कल्याणकारी न्यायकारी, हितकारी, सदाचारी दयालु, आदर्श जननेता और उद्यमी की संज्ञा दी है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि के के गुप्ता एक महत्वाकाँक्षी नेता है। उनके सामाजिक सरकारों का कोई मुक़ाबला नहीं है। इसी वजह से समाज के हर वर्ग से उनका रिश्ता बेजोड़ है। राजनीतिक कारणों से उनके विरोधी भी है लेकिन इस विलक्षण नेता की इनके विरोधी भी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते नहीं थकते। उनके बहु-आयामी व्यक्तित्व की यहीं सबसे बड़ी पूँजी है।
इन सभी कारणों और के के गुप्ता के भागीरथी प्रयासों के कारण ही मेवाड़ के महाराणा प्रताप के बड़े भाइयों के वागड़ राजवंश के डूंगरपुर नगर को जो कि यहाँ के अंतिम शासक महारावल लक्ष्मण सिंह जोकि राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष रहने के साथ ही जाने माने प्रशासक,राजनीतिज्ञ क्रिकेटर और वन जीव प्रेमी पर्यावरण संरक्षक थे तथा उनके छोटे भाई अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय हेग नीदरलैंड के अध्यक्ष रहें डॉ नागेन्द्र सिंह एवं क्रिकेट की दुनिया के मशहूर नाम राज सिंह डूंगरपुर तथा भारतीय सेना के जनरल रहें नाथूसिंह,वागड़ गांधी भौगीलाल पण्ड्या, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सहित अन्य कई लब्ध प्रतिष्ठित महान हस्तियों की जन्म और कर्म भूमि रही डूंगरपुर की प्रसिद्धि के लिए जि़म्मेदार नायाब रत्नों में अपना नाम भी जुड़ा कर एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के मालिक हों गए है।
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