कोविड स्वास्थ्य सहायकों को 6 महीने से नहीं मिला वेतन

 बोले-  आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही, कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे

आखिर कहां जा रहा हैं मेडिकल कॉलेज के करोड़ो का बजट 


डूंगरपुर। जिला प्रशासन की अनदेखी एवं मेडिकल कॉलेज प्रशासन की हठधर्मिता के चलते कोविड स्वास्थ्य सहायकों के सामनें रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया हैं और कोरोना महामारी से निबटने सरकार की ओर से लगाए स्वास्थ्य सहायक 6 महीने से मानदेय को तरस गए है। आर्थिक तंगी झेल रहे स्वास्थ्य सहायक सडक़ पर उतर गए। सीएचए ने बकाया मानदेय मांगते हुए कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गए।

कोरोना महामारी को लेकर सरकार की ओर से प्रदेशभर में सीएचए की भर्ती की गई। डूंगरपुर जिले में अगस्त 2021 में 669 सीएचए को लगाया गया। सीएचए मयंक जोशी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सभी काम सीएचए करते है। कोविड में घर-घर सर्वे से लेकर, स्क्रीनिंग, दवा वितरण, सैंपलिंग और टीकाकरण के काम को कर रहे है। दोवड़ा और गलियाकोट पंचायत समितियों को छोडक़र किसी भी जगह सीएचए को 6 महीने से मानदेय नहीं मिला है।

स्वास्थ्यकर्मियों की तरह कामकाज के बाद भी उन्हें 7 हजार 900 रुपए का कम मानदेय मिलता है। उसका भुगतान भी समय पर नहीं होने से आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। सीएचए मयंक जोशी ने बताया कि मानदेय की मांग को लेकर सभी सीएचए ने आज कार्य बहिष्कार कर दिया है। सीएचए सडक़ पर उतरकर कलेक्ट्रेट पंहुचे और मानदेय भुगतान की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। सीएचए ने एसडीएम मणीलाल तीरगर को ज्ञापन देकर मानदेय की मांग रखी। एसडीएम ने ब्लॉक सीएमएचओ से बात कर भुगतान की जानकारी ली। डूंगरपुर शहर का भुगतान नगर परिषद से ब्लॉक के पास आने की बात बताई। सीएचए भुगतान मिलने तक कलेक्ट्रेट के सामने पड़ाव डालकर बैठ गए है।


कैप्शन : 

मानदेय भुगतान की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करते कोविड सहायक।

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