भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनिया पर हुये हमले में शामिल दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग

पूर्व मंत्री कृपलानी ने लिखा राज्यपाल को पत्र

निम्बाहेड़ा। रविवार को भारतीय जनता पार्टी राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के कोटा से जयपुर आने के दौरान तालेडा थाना क्षेत्र में उनकी गाड़ी रोक कर उन पर हमला करने की कोशिश एवं अभद्रता करने तथा हमले में डॉ. पूनिया की सुरक्षा कर रहे सुरक्षा अधिकारी के साथ मारपीट कर उनके कपड़े फाडऩे के साथ ही सरकारी हथियार छीनने की कोशिश की गई। इस घटना से प्रदेश भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है।

इसी क्रम में राजस्थान की पूर्ववर्ती सरकार में केबिनेट मंत्री रहे श्रीचंद कृपलानी ने भी प्रदेशाध्यध्क्ष डॉ. सतीश पूनिया के साथ हुए इस अभद्रतापूर्ण जानलेवा हमले की कोशिश की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखकर दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है। कृपलानी ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अवगत कराया कि डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता पिछले दिनों रीट में हुई धांधली और पेपर ऑउट के प्रकरण को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। जिसमें सरकार से जुड़े हुए महत्वपूर्ण लोगों के शामिल होने की भी पुष्टि हो चुकी है। इस प्रकरण मेें संलिप्त प्रभावशाली लोग एसओजी की जांच को प्रभावित कर सकते हैं, इस सम्भावना के चलते प्रदेशाध्यक्ष पूनियाा ने 23 जनवरी को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई से जांच करवाने की मांग कि थी। इसी मांग को लेकर पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने धरने प्रदर्शन किये थे।

कृपलानी ने बताया कि विगत 3 वर्षों में कांग्रेस शासन में पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था के हाल बेहाल है। रााज्य में लगातार हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार जैसी घिनौनी वारदातों में बढ़ोत्तरी हो रही है। जिस पर सरकार अंकुश लगाने में नाकाम साबित हुई है। इन अपराधों के विरूद्ध प्रदेश भाजपा लगातार सडक़ से सदन तक सरकार को चेताने का काम कर रही है। इससे बौखला कर रीट के 16 लाख युवाओं के लिए न्याय की आवाज उठा रहे डॉ. पूनिया पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमला किया है, जिन्हें सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है।

कृपलानी ने कहा कि इस तरह की घटना राजस्थान की संस्कृति के विरूद्ध है। ऐसा करके राज्य की कांग्रेसनीत सरकार भाजपा को सरकार की जन-विरोधी नीतियों की खिलाफत करने व जनता की आवाज उठाने से रोकना चाहते हैं। उन्होने राज्यपाल को अवगत कराया कि राज्य में जब प्रमुख विपक्षी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ही सुरक्षित नहीं है, तो सामान्य नागरिक की सुरक्षा का क्या होगा। इसलिए इस प्रकरण में लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही के लिए सरकार को निर्देशित किया जाए।

पूर्व मंत्री कृपलानी के साथ ही पूर्व विधायक अशोक नवलखा, नगर मण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष गब्बर सिंह अहीर, पूर्व पालिका उपाध्यक्ष पारस पारख, पूर्वी ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष अशोक जाट, कनेरा मण्डल अध्यक्ष जुगल किशोर धाकड, पश्चिमी मण्डल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह शक्तावत, भाजयुमो अध्यक्ष अर्जुन सिंह राठौड, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष लाला दशोरा, एससी मोर्चा अध्यक्ष विजय बैरवा, महिला नगर मण्डल अध्यक्ष आरती शर्मा, ओबीसी मोर्चा जिला उपाध्यक्ष गोपाल वैष्णव, किसान मोर्चा नगर अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, पुष्कर धाकड़़, नगर महामंत्री मयंक अग्रवाल, पारस जैन, उपाध्यक्ष देकरण समदानी, प्रवक्ता कमलेश बनवार, शक्ति केन्द्र संयोजक सत्यप्रकाश मेनारिया, पार्षद अविनाश गोठवाल, जगदीश माली, अतुल सोनी, माया भाम्भी, देवयंति शर्मा, कला मालवीय, भाजपा नेता संजय शर्मा, पिंटू गवारिया सहित भाजपा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया पर हुए हमले की कोशिश व अभद्रता की निंदा करते हुए दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

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