चीख़ली। सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग की ओर से बनाई जा रही चीख़ली-साकोदरा में सीसी सडक़ निर्माण में गड़बड़ी का मामला सामने आया हैं। शुक्रवार को सरपंच की ओर से इसका विरोध कर सडक़ मापदण्ड के अनुसार बनाने की मांग की। वहीं शनिवार को इस मामले में प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए एक टीम ने मौके पर पहुँच मौका निरीक्षण किया। जहां सडक़ कम बनाने की तस्वीर साफ़ हो गई।
यह है मामला
साकोदरा से चीखली तक एक तरफा सीसी सडक़ कार्य पूर्ण हो चुका हैं। वहीं दूसरी ओर का कार्य साकोदरा से शुरू किया गया। ग्रामीणों ने दोनों तरफ एक समान सडक बनाने की मांग की। लेकिन शुक्रवार को वहां पर चौड़ाई कम रखकर सीसी सडक़ बनाई गई हैं। जिसका ग्राम पंचायत साकोदरा सरपंच की और से मौके पर पहुंच विरोध जताया। वहीं दोनों तरफ एक मापदंड पर सीसी सडक़ बनाने की बात कहीं गई। बावजूद इसके साकोदरा मोड़ से पुलिए तक कम चौडाई तक कार्य किया गया। सरपंच सीमा भमात ने बताया कि ये कैसा मापदंड हैं, जो एक तरफ तो साढ़े तीन मीटर वहीं दूसरी और तीन मीटर बनाया जा रहा हैं। जबकि पूरी सीसी सडक़ कूल सात मीटर की बननी हैं।
कम सडक़ बनाने की कारस्तानी के पीछे कौन ...?
इस पूरे मामले में अब तक यह सामने नहीं आया कि यह कारस्तानी किसके कहने पर की गई। क्योंकि केवल साकोदरा मोड़ से मंदिर के पास पुलिए तक ही केवल कम चौड़ाई कर सडक़ बनाई गई। उसके बाद सरपंच के हस्तक्षेप के बाद कार्मिक सडक़ पूरी बनाने का दावा करते नजऱ आए। सरंपच सीमा भमात ने बताया कि यह सब कुछ प्रभावशाली लोगों के कहने पर ही सडक़ की चौड़ाई कम बनाई गई है। अपनी मनमर्जी से ठेकेदार की ओर से ऐसा संभव नहीं है।
सडक़ की चौड़ाई कम पाई गई
मामले में एसडीएम श्रीकांत व्यास के निर्देशन में तहसीलदार विवेक गरासिया ने एक टीम को जांच के लिए मौके पर भेजा। जिसमें गिरदावर अशोक, पटवारी प्रधुम्न पारगी ने जब मापदंड किया। तो सीसी सडक़ की तीन मीटर की चौड़ाई भी नहीं पाई गई। पटवारी प्रधुम्न पारगी ने बताया कि एक तरफ साढ़े मीटर तो दूसरी ओर 2.7 मीटर से कम है। इस दौरान सरपंच, सहित ग्रामीण भी मौजूद रहे।
कैप्शन :
साकोदरा में कम चौड़ाई से बनाई गई सीसी सडक़।
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