जिला स्तर पर खाद्य सामग्री विक्रेताओं के लाईसेन्स व रजिस्टेशन बनाने के लिए आज लगेगा शिविर

 डूंगरपुर। खाद्य सामग्री विक्रेताओं के खाद्य अनुज्ञापत्र (लाईसेन्स व रजिस्टेशन) बनाने के लिए डूंगरपुर व्यापार मण्डल और चिकित्सा विभाग के सयुक्त तत्वाधान मे 24 फरवरी गुरूवार को डूंगरपुर स्थित नागनदा कॉलोनी गल्ल किराणा भवन में शिविर लगाया जाएगा। 

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अजय मौयल ने बताया कि खाद्य सामग्री विक्रेताओं के लिए खाद्य अनुज्ञापत्र (लाईसेन्स व रजिस्टेशन) करवाना अनिवार्य है। शिविर में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक खाद्य कारोबारकर्ता अपने दस्तावेज लाकर हाथो-हाथ अपना खाद्य अनुज्ञापत्र ऑनलाईन करवाकर प्राप्त कर सकते है। उन्होने बताया कि जिन खाद्य कारोबार कर्ताओ का वार्षिक टर्न ऑवर 12 लाख से कम है, उन्हे रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। उन्होने बताया कि खाद्य अनुज्ञापत्र सभी छोटे बडे व्यापारी, ठैले वाले, फैरी वाले, कचौरी वाले, किराना, डेयरी, समस्त प्रकार के खाद्य कारोबारकर्ताओं को लेना आवश्यक है। खाद्य अनुज्ञापत्र नही लिये जाने वाले खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्व सख्त कार्यवाही की जावेगी।

रजिस्ट्रेेशन के लिए शिविर में यह दस्तावेज लाना होगा

जिन खाद्य कारोबारकर्ताओ को खाद्य रजिस्ट्रेशन करवाना है वो अपने साथ मालिक का फोटो, आधारकार्ड/ परिचय पत्र व लाईट का बिल/ किरायानामा की छायाप्रति लेकर शिविर मे उपस्थित होवें। खाद्य रजिस्ट्रेशन का वार्षिक शुल्क 100 रूपये है। इसी प्रकार बडे व्यापारी जिनका टर्न-अवर 12 लाख से अधिक है। उन व्यापारियों को खाद्य लाईसेन्स बनवाने की आवश्यकता है। इसे खाद्य कारोबारकर्ता को दस्तावेज मे फोटो, जीएसटी सर्टिफिकेट/ प्रोपराईटर का डिक्लेरेशन, आधार कार्ड, पेन कार्ड, लाईट का बिल/ किराया नामा लेकर उपस्थित होवें। खाद्य लाईसेन्स का वार्षिक शुल्क 2000 हजार रूपये प्रतिवर्ष है। खाद्य पदार्थ उत्पादक यूनिट को खाद्य लाईसेन्स बनवाने के लिए दस्तावेजो मे परिसर का ब्ल्यू प्रिंट, मशीनरी डिटेल, फोटो, जीएसटी सर्टिफिकेट/प्रोपराईटर का डिक्लेरेशन, आधार कार्ड, पेन कार्ड, लाईट का बिल/किराया नामा लेकर उपस्थित होना होगा। खाद्य लाईसेन्स का वार्षिक शुल्क 3000 से 5000 हजार रूपये प्रतिवर्ष है। उक्त खाद्य लाईसेन्स/रजिस्ट्रेशन एक वर्ष से पांच वर्ष तक के ऑनलाईन करवाये जा सकते है। सीएमएचओ ने अपील कि है कि सभी खाद्य कारोबारकर्ता अपना खाद्य अनुज्ञापत्र लेकर कानूनी कार्यवाही से बचे।

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